Aeonium holochrysum (Webb & Berthel 1841) यह घने गुलदस्ते जैसे मांसल पत्तों वाला पौधा है, जिसकी मजबूत और शाखाओं वाली डंठल होती है। यह आमतौर पर सूखे और अर्ध-छायादार वातावरण में चट्टानी ढलानों और पहाड़ियों पर उगता है। इसके पत्तों का रंग गहरे हरे से सुनहरे रंग में बदलता रहता है। अपनी जाति की लगभग सभी प्रजातियों की तरह, यह शीर्ष पर पीले फूलों वाले पुष्पगुच्छ पैदा करता है। सजावटी पौधे के रूप में अत्यधिक मूल्यवान, यह सूखे मौसम, कम उपजाऊ और पथरीली मिट्टी में आसानी से उगने और अत्यधिक सहनशीलता के लिए जाना जाता है। शब्दोत्पत्ति: यूनानी शब्द 'होलोस' (संपूर्ण) और 'क्राइसोस' (स्वर्ण) से व्युत्पन्न, जो इसके कुछ चरणों में स्वर्णिम आभा की ओर संकेत करता है।मूल स्थान: यह कैनेरी द्वीप समूह, विशेष रूप से ला पाल्मा और एल हिएरो द्वीपों का स्थानिक प्रजाति है।
Aeonium percarneum (J. Pitard & L. Proust 1909) यह पौधा द्वीप की चट्टानी उभारों पर अक्सर पाया जाता है। इसकी गठीली, लम्बी और धूसर-हरी या नीले रंग की मांसल पत्तियाँ सघन गुलदस्ते बनाती हैं। इसके तने छोटे और शाखाओं वाले होते हैं। गर्मियों में यह शीर्षस्थ पुष्पक्रमों पर पीले फूल उत्पन्न करता है। यह शुष्क जलवायु और अनुपजाऊ मिट्टी को सहन कर सकता है। प्रजनन में आसानी और अत्यधिक सहनशीलता के कारण इसे सजावटी पौधे के रूप में आमतौर पर उगाया जाता है। शब्दोत्पत्ति: यह लैटिन शब्द "पर" से लिया गया है, जिसका अर्थ है पूर्ण, और "कार्नस", जिसका अर्थ है मांस, जो पत्तियों के लाल किनारों के रंग को दर्शाता है।मूल स्थान: ग्रैन कैनरिया स्थानिकता
Aeonium tabulaeforme ((Haw.) Webb & Berthel., 1840.) इसे ऊपरी सपाट गुलदस्तों से आसानी से पहचाना जा सकता है जो लगभग एक समान सतह बनाते हैं। यह चट्टानी ढलानों, प्राचीन दीवारों और पथरीले क्षेत्रों में उगती है। यह धूप वाले वातावरण और कम उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी को तरजीह देती है। इस पर ऊँचे पुष्पगुच्छों में पीले फूल खिलते हैं। सूखे के प्रति अपनी सहनशीलता के कारण इसका उपयोग बागवानी और संग्रहण में बहुत होता है। शब्दोत्पत्ति: "सारणी" और "आकार" लैटिन शब्दों से व्युत्पन्न होकर "सारणी के रूप में" अर्थ देते हैं।मूल स्थान: उत्तर तेनेरिफ़, स्पेन
Aeonium undulatum (Webb & Berthel 1840) यह विशाल मांसल गुलदस्तों से बनी है, जिनमें हरे रंग की पत्तियाँ और लहराती किनारे हैं। यह 50 सेमी व्यास तक पहुँच सकती है। मजबूत और शाखाओं वाले तने होते हैं। यह शुष्क क्षेत्रों और गरीब मिट्टी को सहन करती है। पुष्पक्रम पीले फूलों से बने होते हैं। बागवानी में बहुत उपयोग की जाती है, इसे धूप वाले वातावरण की आवश्यकता होती है। शब्दोत्पत्ति: लैटिन शब्द 'अंडुलेटस' से, जिसका अर्थ है 'लहरदार', जो इसकी पत्तियों के संदर्भ में है।मूल स्थान: तनेरिफ़, स्पेन।